Sunday, April 3, 2011

जो तुम चली गयी :for my mother in law

माँ जो तुम चली गयी 
मेरा तुम्हारा घर ही नहीं 
हमारे  दिल का कोई कोना खली हो गया 


तुम्हारे जाने की पीढ़ा
सब को है और हमेशा रहेगी
पर तुम्हारे जाने का एहसास 
पल पल मुझे सत्ताता है

तुम्हारे होने  न होने का अंतर  
शायद मुझ  से जायदा कोई नहीं समझ सकता
फिर भी सब कहते है
 तुम तो बहु हो बेटी  नहीं 


कोई नहीं समझ सकता 
की तुम मेरी जनम की माँ न सही
करम की माँ तो थी
और बस 
मैने तुम्हे माँ मान लिया  था  
अब  जो तुम नहीं हो 
फिर भी मेरी हो और हमेशा रहोगी ........................................