चलो ऐसा करे।।।।।
कविताएं खत्म हुई सारी
चलो कुछ और कहते है।
ख्वाहिशें भस्म हुए सारी
चलो कुछ और कहते है।
चलो कहे की तुम ही जी लो,
कहे की मै ही मर जाता हू,
कहे की आज तू जाग रात सारी,
मै कुछ सपने चुराता हू।
चलो ऐसा करे हम साथ सांसे ले,
चलो ऐसा करे की साथ मे आज मुस्कुराएं,
चलो देख आए अंधेरे गलियों के,
चलो धूल में थोड़ा सन जाए।
पता है तुम ना कर पाओगे कुछ भी,
तो कोई बात नही है।
मेरे हिस्से में अभी भी दिन है,
तेरे हिस्से में भी अभी, रात नहीं है।
कविताएं खत्म हुई सारी
चलो कुछ और कहते है।
ख्वाहिशें भस्म हुए सारी
चलो कुछ और कहते है।
चलो कहे की तुम ही जी लो,
कहे की मै ही मर जाता हू,
कहे की आज तू जाग रात सारी,
मै कुछ सपने चुराता हू।
चलो ऐसा करे हम साथ सांसे ले,
चलो ऐसा करे की साथ मे आज मुस्कुराएं,
चलो देख आए अंधेरे गलियों के,
चलो धूल में थोड़ा सन जाए।
पता है तुम ना कर पाओगे कुछ भी,
तो कोई बात नही है।
मेरे हिस्से में अभी भी दिन है,
तेरे हिस्से में भी अभी, रात नहीं है।
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